इन कविताओं में कई रंग हैं लेकिन कुछ गमगीन पल राज़ बनकर छुपे भी हैं | उन्हीं पलों को समर्पित कुछ पंक्तियाँ आपकी नज़र करता हूँ…
छलक जाए न इस दिल से कोई ग़म,
के अक्सर यूँही हँस लिया करता हूँ;
टूट जाता था जिन पर आँसुओं का बाँध,
उन जज़्बात को कस लिया करता हूँ;
नम-से कुछ लम्हे क़ैद हैं इन यादों में,
इनसे उबर जाने को तरस लिया करता हूँ;
के पढ़ ले ना कोई मेरी ये खामोशियाँ,
हर पल बस यही अर्ज़ियाँ करता हूँ;
इन खामोशियों तले कई ज़ख़्म भरने को हैं,
के इनकी मीठी टीस में भी…रस लिया करता हूँ;
ज़िंदगी में खुशियों का सूखा न पड़े कभी,
यूँही कभी हँसी-कभी अश्कों में बरस लिया करता हूँ ||
♥ ♥ ♥ doc2poet
अगर आपको मेरी कविताएँ पसन्द आयें तो मेरी पुस्तक “मन-मन्थन : एक काव्य संग्रह” ज़रूर पढ़ें| मुझे आपके प्यार का इन्तेज़ार रहेगा |

I wish u all the happiness in life. Well written doc
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Thank you so much Deep. Pain is what makes you stronger. 😊
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Can pain be as beautiful as your lines.
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Thank you so much Dipika. It can be anything you want it to be. 😊
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Thanks for dropping by at my blog 🙂
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🙂
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यूँही हँस लेना ही ज़िन्दगी का वो राज़ है जो बहुत ही काम आता है | 🙂
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बिलकुल सही कहा आपने 😊
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