सुख और शांति का पीछा करते हुए हम सारा जीवन निकाल देते हैं, पर फिर भी उसे ढूंड नहीं पाते| हम भूल जाते हैं के खुशियाँ कभी हमसे दूर नहीं जाती, ये तो हमेशा हमारे आस पास ही रहती हैं; बस हम इन्हें देख ही नहीं पाते | सब चिंताओं को छोड़कर हमें वर्तमान में जीना चाहिए |
ॐ शांतिः
काल करे सो काल ही कर, के आज भी तो कल का कल;
करते जाने की होड़ में, कहीं बीत न जाए ये पल…||
♥ ♥ ♥ doc2poet
हम बड़ी खुशियों का इंतज़ार करते रह जाते हैं और छोटी -छोटी खुशियों को अक्सर भूल जाते हैं |
सुनहरे सपनों की आड़ में,
ज़िंदगी के रंगीन पल, गुप-छुपकर निकल जाते हैं;गिर कर उठना तो याद रहता है,
भूल जाते हैं…जब लड़खडाकर सम्भल जाते हैं|ये पल धुंधली यादें बनकर,
होठों पर कभी झिलमिलाते हैं;और कभी आँसू बनकर ,
आँखों में पिघल आते हैं |पर वक़्त से इस कशमकश में,
दिल-ए-नादान मुस्कुरा ही लेता है;बस खुशी के पैमाने बदल जाते हैं,
खुशी के पैमाने बदल जाते हैं ||♥ ♥ ♥ doc2poet
कबीर जी के अंदाज़ में कहूँ तो…
आपहु मस्ती काटिए,
हँसिए और हंसाए,
चिंता का ऐनक उतार फेंक,
तो जाग सुंदर हो जाए,
ऐसा जीवन हो लाजवाब,
गर सच में कोई कर पाए,
सच्चा साथी है मूल मंत्र ,
जो सच्ची राह दिखाए ||
♥ ♥ ♥ doc2poet
ॐ शांतिः ॐ शांतिः ॐ शांतिः
अगर आपको मेरी कविताएँ पसन्द आयें तो मेरी पुस्तक “मन-मन्थन : एक काव्य संग्रह” ज़रूर पढ़ें| मुझे आपके प्यार का इन्तेज़ार रहेगा |
