

#Insta-love
वो नज़ाकत, वो इंतज़ार, वो नज़रों का मिलना,
बहका सा इज़हार और फूलों का खिलना,
छिपकर करना बातें,
छत पर मीठी मुलाक़ातें
,
वो अलविदा, वो कल के वादे, वो लेना दिल का हाल,
खाना खा कर, घर पहुँच कर, देना मिस कॉल ,
के वो था अलग ही दौर,
वो समय था कुछ और,
अब तो मिलती हैं नज़रें Profile pic
से,
और छूने का एहसास मिलता है click
से,
के मुलाक़ातों पर लड़ना हुआ अब आम है,
पर मिलने के fb status पे… likes तमाम है,

दो पल का इंतेज़ार तो ग़ज़ब ही ढा गया,
के मिस कॉल की जगह अब blue tick
आ गया,
के अब छत पर नहीं… online दीदार होते हैं,
पर हंसते हैं और
पर रोते हैं,
ये WIFI
जेनरेशन क्या जाने? वो मोहब्बत, वो एहसास,
के अब फोन नहीं गर स्मार्ट, तो कुछ नही है पास,
के Transformer
के भेस में, बैठा है जैसे प्यार का फूल,
Online आकर पुरानी बातें…गये हैं जैसे सब भूल,
गये हैं सब भूल…
***
This post is written for Indispire Edition 128: Technology is destroying relationships. Genuine relationships are subsumed by Facebook and whatsapp… #Relationship.
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